Jharkhand temples, झारखंड में पर्यटन स्थल धार्मिक स्थल इसके अलावा ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक गौरव के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जिसमें कुछ प्रमुख मंदिर इस प्रकार हैं –
रजरप्पा का छिन्नमस्तिका मंदिर – Jharkhand temples
यह मंदिर वर्तमान में रामगढ़ जिले में स्थित है जो दामोदर और उसके सहायक भैरवी नदी के संगम पर स्थित है। यह एक शक्ति पीठ है । यहां देवी की सिर रहित प्रतिमा है , जो कमल के बिस्तर पर कामदेव और रति के शवों के ऊपर खड़ी है।
जनजातियों द्वारा इसे वन दुर्गा के नाम से जाना जाता है। इसी मंदिर में चैतन्य महाप्रभु का आगमन हुआ था।
बैद्यनाथ धाम – Jharkhand temples
देवघर, बाबा बैद्यनाथ का प्राचीन मंदिर शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है जिसे कामना लिंग भी कहते है।
इस मंदिर का निर्माण राजा पुरणमल के द्वारा 1514 ई में करवाई गई थी। यह मंदिर अत्यंत प्राचीन काल का है और यहां सावन के महीने में विश्व का प्रसिद्ध श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है इस मंदिर को हरला जोड़ी भी कहा जाता है ।
बासुकीनाथ धाम – Jharkhand temples
यह दुमका जिले में स्थित है जिसका निर्माण आदिवासी बासकी तात्मे ने किया था।
मकर संक्रांति के समय यहां मेले का आयोजन किया जाता है पारंपरिक दृष्टिकोण से देवघर को दीवानी अदालत और बासुकीनाथ धाम को मोनिकर फौजदारी धाम या आपराधिक न्यायालय के रूप में भी माना जाता है ।
जगन्नाथ मंदिर – Jharkhand temples
यह रांची रांची के हटिया के पास एक पहाड़ी पर स्थित है जो पूरी के जगन्नाथ मंदिर का प्रतीक है इसका निर्माण नागवंशी राजा ठाकुर ऐनी शाहदेव ने करवाया था।
यहां प्रत्येक वर्ष रथ यात्रा में मेले का आयोजन किया जाता है।
वोड्या का वैष्णव मंदिर – Jharkhand temples
यह रांची के निकट वोडया गांव में स्थित है इसका निर्माण रघुनाथ साह लगभग 1665 ईस्वी में करवाया था यह मंदिर वर्तमान में मदन मोहन मंदिर के नाम से जाना जाता है ।
टांगीनाथ का मंदिर – Jharkhand temples
इसे त्रिशूल का मंदिर भी कहा जाता है जो गुमला जिले में स्थित है ।
यह मुख्य रूप से पशुपत संप्रदाय मानने वाले लोगों के लिए बनाया गया था यह मंदिर वास्तु कला का एक सुंदर नमूना है ।
नावागढ़ का मंदिर
यह मंदिर सरायडीह क्षेत्र में नावागढ़ में स्थित है, जो गुमला जिले में है। इस मंदिर में वासुदेव, लक्ष्मी और शिव की प्रतिमाएँ बनी हुई है।
अर्जन धाम – Jharkhand temples
गुमला जिले में अंजन ग्राम में हनुमान जी का जन्म स्थान माना जाता है। यह स्थान नेतरहाट पहाड़ियों और खटवा नदी से घिरा है। कहा जाता है, कि यहां अंजन पर्वत पर अंजनी गुफा में हनुमान जी का जन्म दुआ था। धार्मिक दृष्टिकोण से यह गुफा प्रमुख माना जाता है।
पंच परगना का पौराणिक मंदिर – Jharkhand temples
पंचपरगना के काँची और करकरी नदी के ” संगम पर कई छोटे-छोटे मंदिर है, ओ स्थापत्य कला के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यहाँ शैव और वैष्णव धर्म से संबंधित मूर्तियां पाई जाती है। यहां कई मंदिर है, जो ऐतिहासिक दृष्टिकोण से पाल कालीन हैं।
इतिहासकारों के अनुसार पाल वंश के शासक धर्मपाल और देवपाल ने इन मंदिर का निर्माण करवाया था 1
मालुटी का मंदिर – Jharkhand temples
यह दुमका जिले में स्थित है, और द्वारिका नदी के तट पर स्थित है। यहां करीब 108 मंदिर है, और ये सभी मंदिर पत्थरों को तराश कर बनाये गये है, और इसमें पाषाण की मूर्तियां है, जो शिल्पकला के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कौलेश्वरी धाम – Jharkhand temples
इसे कोलवा पहाड़ भी कहा जाता है, चतरा जिले के हंटरगंज Block में स्थित है। यह पहाड़ी विध्याचल पहाड़ी का एक भाग हैं। इसी पहाड़ी में कौलेश्वरी देवी का मंदिर है।
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से यह स्थल बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्म के संबंधित है। इसकी सबसे बड़ी विशेष्ता है, कि यहां की मूर्तियां पत्थरों को तराश कर बनाई गई है । इसके अलावे जैन तीर्थकरों की मूर्तियां, पार्श्वनाथ के परण और गौतम बुद्ध की प्रतिमा प्राप्त हुई है।
भद्रकाली मंदिर – Jharkhand temples
यह चतरा जिले के इटखोरी Block में स्थित हैं। यहां भी भद्रकाली की मूर्ति हीरे को तराश कर बनाया गया है, और उसका निर्माण पाल शासकों के द्वारा करवाया गया था।
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से यह स्वाल भी हिन्दू + बौद्ध + जैन धर्म से संबंधित है । यहां से बुद्ध की मूर्तियां प्राप्त हुई है।
इसके अलावे कोटेश्वर नाथ का स्तूप प्राप्त हुआ है। सहस्त्रलिंगी शिव की मूर्ति प्राप्त हुई है, और 15वें तीर्थकर शितलानाथ की मूर्ति भी प्राप्त हुई हैं।
दिगम्बर जैन मंदिर – Jharkhand temples
इस मंदिर का निर्माण 1920 ई में करवाया गया था, जिसमें पाषाण की शर्तियां पाई गई है।
दालमी का मंदिर – Jharkhand temples
यह मंदिर 17वीं शताब्दी का मंदिर है, जो धनबाद में स्थित है । यह विष्णु भगवान का मंदिर है ।
योगिनी मंदिर – Jharkhand temples
यह गोड्डा में स्थित है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण चारुशीला देवी ने करवाई थी और यह देवी का मंदिर है।
ठाकुर बाड़ी मंदिर – Jharkhand temples
यह पाकुड़ जिले में स्थित है । इस मंदिर में गणेश, पार्वती , कृष्ण , हनुमान , काली और शिव की मूर्तियां स्थित है। इसलिए इस मंदिर को ठाकुर बाड़ी का मंदिर कहा जाता है ।
सूर्य मंदिर – Jharkhand temples
यह मंदिर गिरिडीह में स्थित है । यहां झील के बीच सूर्य की प्रतिमा सात घोड़ों में बनाया गया है जो कमल के फूल के आकार में है। स्थानीय रूप से इस स्थान को सीता नी चौरी और रामकुंड के नाम से जाना जाता है।
पहाड़ी मंदिर – Jharkhand temples
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो रांची के रातु रोड में स्थित है। शिखर तक पहुंचने के लिए कुल 468 सीढ़ियों का प्रयोग किया जाता है। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा “फाँसी टोंगरी” भी कहा जाता है।
ब्रिटिश काल के दौरान यहां कई क्रांतिकारियों को यहां फांसी दी गई थी। यहां राज्य का सबसे ऊँचा तिरंगा का ध्वजा रोहण भी किया गया ।
देवरी मंदिर – Jharkhand temples
यह मंदिर रांची के तामार से 3 km की दूरी पर स्थित है । लगभग 10-11 वीं शताब्दी ई में देवी की 16 भुजाएँ वाली प्राचीन काल की मूर्ती स्थापित की गई थी।
यह आदिवासी पुजारी के साथ साथ ब्राह्मणो द्वारा पूजन पारंपरिक रीति से कराया जाता है।