Vakya in Khortha, खोरठा भासाञ भिन्नु भिन्नु सारथक सबदेक मेल बा जोख से बनल हइ । जदि कोन्ही बेअकति मनेक बातबा भाब – बिचार दोसर बेकति तड़क पहुंचाते हइ, आर ऊ भाव – बिचार के दोसर बेाकति समइझ बुझ्झ जा है, तो वहसन रूप के वाइक कहल जा हे ।
मकिन बेआकरने करता, करम, किरिया आर कारकीय चिन्ह कर, मेसर – कोसर रूप से बनल रूप वाइक कहा हइ ।
जइसे – कारू कोदइर से माटी काटो हइ ।
हिंआ कारू करता हकइ दुवै माटी आर काटने करम बा किरिया छइ । मेतुक से सबद कारकीय सिंह हकइ ।

Vakya in Khortha – वाइक के भेद
खोरठा भासात्र वाइक के भिन्नु भेद बिदुआन गुला अलग-अलग रकम से करल दय 1 डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर’ वाइक कर भेदी करण बनावट बा रचना के आधार करल हय । दुवे हों. ऐ. के. आ श्री अरथ के आधारे वाइक कर खेचा खायां करेक चेष्ठा करल हय ।
Vakya in Khortha – बनावट के आधारे वाइक
डॉ. गजाधर महतो प्रभाकर खोरखा भासाय बनावट के आधारे वाइक कर तीन गो भेद बतवल दथिन जे इ रकम हई –
i) साझ वाइक
जे वाइके लिरिफ एगो किरियाक लाव. ठेकान 1 पावल बाहे, ओकरा सोम वाइक बा’ सरल बाइक कहल बाहे । अकसन बाइक कितनो ठागाँ रहो हइ, मकिन एगो किरिया पावल बाहे । जइसे –
राम इसकुल’ जाहे ।
कारू आम खा हुइ । आरो आरो
ii) संजोगी वाइक
जहाँ दुगो वाइक के कोन्हों जोजक बा जोराइन सबद जइसे आर चाहे, मकिन, मेढक मंगुर, मुददा 1 आरो आरो से जोडल का है, तो ऊ संजोगी वाइक बा नोडल वाइक कहा हइ ।
जइसे –
सूरज दुबलाई आर तरिगत उगलइ ।
राम जइतई चाहे मोहन जइतई ।
माही बेस खेलो हइ मकिन पढाइए फिसडी हय ।
iii) मेसर – कोसर वाइक
ने वाइकें एगो सुत्तर उपवाइक आर दोसर आसरित उपवाइक कर ठाव ठेकान पावल आहे ओकरा मेसर कोसर बा खिचड़ी बाइक कहल जाहे । जइसे –
राम कहलई, कि हाम नात्र जाइ पाइरबा ।
जे काइल आइल हलइ, ऊ रामेक बाप हलइ । आरो आरो
Vakya in Khortha – अरथेक अधारे वाइक
डॉ. ए. के. झा जी आपन खोरठा व्याकरण किताबेंखोरठा सहित सदानी बेधकरण’ वाइक कर उसके आधारे छऊगो के भेद बतवल हथिन, जे’ रकम हे –
ⅰ) सोझ वाइक
जे वाइक कर उरथ सोझा – सोझी अर तरल रही है, वोकरा सोझ बाइक कहल जाए हय।
जइसे – उ लेसराहा हकइ ।
ii) सवालवाची वाइक
जे वाइक कर अख्खेक पेछ कोन्हो না कोन्दो सवालेक बौद दावो है । ऊ सवालवाची वाहक कदा छइ ।
जइसे – ऊ लेसरादा छकई ?आरो. आरो
iii) नकरवाइया वाइक
ब्रे बाइक से को- दो नकारातमक अरथ फुरता हइ, ऊ नकरवाइया वाहक कहा हइ ।
जइसे – ऊ लेसराहा नाञ् हकई ।
iv) नकरवाइया सवालवाची वाइक
खोरठा भासाएं, जे वाडकसे कोनहो सवालेक संगे संगे नकारातमक सबदे बौध करावो है, ओकरा नकरवाड्या सवालवाची वाइक के नाम से जानल जाइ हइ ।
जइसे -ऊ लेसराहा नाञ् हकई ?
v)अकचक वइया वाइक
जे वाइक से कोन्हों अकचक आर अस्चार्य पता चलो हई, ओकरा अरुचक वाइक कहल जाय है, ऐसन वाहक बिसमा बोधक चिन्हृ का परजोग करल जा हइ ।
जइसे – वाह ! केतना बेस मउसम छइ । आरो आरो
vi) हुकुमकरवइया वाइक
खोरठा भासाए, ब्रै’ बाइक के अरथे के कोन्दो आदेश, दुकुम आर सरअंजाम कर बौध दावो हई, ओकरा दुकुमकखाझ्या वाइक कहल बाय हय।
जइसे – तोञ करे करे (धीरे-धीरे) कर काइट कर ई कर आऊ आर हिंआ बइठा ।
Vakya in Khortha – खोरठा भासाएं वाइक बिसेसता
पाइत भासाए, वाहक बनावेक आपन विधि विधान वेबस्था हो हर, ओकरा वाइक कर बिसेसता कहल जाई हइ । एहे रकम खोरठा भासाएं वाइक कर भिन्तु भिन्तु बिसेसता पावल जाय हरा नै हेठे रकम हय –
ⅰ) खोरठा भासाक वाइक कर रूप छोट आकार भार खाद-शूट पावल भाइ हई, जे देखे ठार उसरावे लाइख सुंदर बुझाय हय ।
ⅱ) खोरठा भासाक वायज्ञगत विसेसता हय की सहायक किरीया विहिन रहो दय । आर, तो आर सहायक किरिया का परखोग वाडक के पेष्णु-आगु व माझे सौब जगह करल जाइ हुई।
ⅲ) खोरखा भासाक वाइक बिसेसता दय, कि किरिया केंदरित दावो हुई मेनेख एगो किरिया सबद कह दहल से सोभ बात फरीद हो जाइ हइ ।
चल + ब – चलब
चल + ब + थीन – चलबथीन आदर बोधक
iu)खोरठा भासाक वाइक कर लिंग बोध का अभाव पावल जाय हइ ।