Noun in Khortha language | खोरठा भाषा में संज्ञा (संइगा)

संज्ञा (संइगा) – Noun in Khortha language

सइंगा सबद के कोसगत अरथ ‘चेतना ‘बा चेठा’ हव है, (लेकिन) मकिन खोरठा बेआकरने वइसन सबद के सइंगा कहल आहे, जेकर से कोन्हो, बेकति, भाइत. चीज बसुत, कांव-ठेकान, भाभ (भात), विचार, व्हेनन्तेन के नाम बोध कखइआ सबद के संश्गा कहल जा है। दोसर अरथें कहल जाइ तो कोन्हो नाम का संइंगा हकइ ।

जइसे –

बेकति के नाम – चरकू , मंगरा

जाइत के नाम – गाय मनुख

ठांव ठेकान के नाम – रांची पटना

चीज बसूत के नाम – आलू बैगन

Noun in Khortha language | खोरठा भाषा में संज्ञा (संइगा)

Noun in Khortha – संज्ञा के मुख्य भेद

खोरठा भासा सांगा के बरगीकरतभिनु – भिनु बिदुधन करल दय । खोरठा भाषाक मानगर बिदुवान डॉ. लाजीत कुमार झा आपन किताबें • खोरठा सादित सद‌निक बेभाकरन’ में अरथ के आधार पर संइंगा के पाँच गो भेद हिन्दी रकम बतवल हय।जे हैंठे रकम हइ –

संज्ञा के भेद मुख्य रूप से 5 है :

1. जातिवाचक संज्ञा (जाइतवाचक सइंगा)

2. व्यक्तिवाचक संज्ञा (बेगइतवाचक सइंगा)

3. समूहवाचक संज्ञा (गोंठवाचक सइंगा)

4. द्रव्यवाचक संज्ञा / वस्तुवाचक (बसुतवाचक सइंगा)

5. भाववाचक संज्ञा (भाबवाचक सइंगा)|

English Grammar के मते 3 भेद होवो हइ

1. जातिवाचक संज्ञा (जाइतवाचक सइंगा)

वइसन सबद बुला जेकर से गोटा जाइत बा समुदाय के बोध हव है, ओकरा जाइतवाचक सड़ेगा कहल जा हे ।

जइसे किसान, पहाड़, नदी, गिदर, आरो. आरो

2. व्यक्तिवाचक संज्ञा (बेगइतवाचक सइंगा)

खोरठा भासात्र वइसन सबद केबेकति वाचक संइंगा कहल जाहे जेकर से कोन्धे खास बेकति आर ठाव देकान के नाम पता चलो छइ ।

जइसे

बेकति के नाम बिरसा, सिधू

ठांव-ठेकान के नाम झारखंड, दुमका आरो. आरो

3. समूहवाचक संज्ञा (गोंठवाचक सइंगा)

जे सबद से खोरठा भासाञ् कोन्ही गोइठ (समुद), समूह भिड़-भाड़ आरो – आरो के बोध करावो हर वइसन सबद के गोइठ वाचक बा समुह वाचक सईइंगा कहल जा हे ।

जइसे जातरा, मेला

4. द्रव्यवाचक संज्ञा / वस्तुवाचक (बसुतवाचक सइंगा)

खोरठा भासात्र वइसन सबद के चीज बसुत वाचक सइंगा कहल जा है, जेकर से कोन्दो चीन बसूत के नाम तउल भार जोख के पता चलो छइ । खोरठा भासात्र एकरा दरबडू वाचक संइंगा हु नाम से जानल जा हइ ।

जइसे चाउर आरु, धान, कोइला, तेल, लूगा आरो. आरो

5. भाववाचक संज्ञा (भाभ बिचार वाची सइंगा)

जे सबद गुला से कोन्हो बेकती बा चीज बसूत के इसथिति अवस्था भाव बिचार आर गुन दोस के पता चलो हइ ऊ सबद के भाभ वाचक संइगा कहल जा हे ।

जइसे –

इसथिति -गिदराली, बुढारी

भाभ-बिचार – करोध परेम

गुन – विपता सुंदरइ

दोष – चोरी काइरता आरो आरो

संज्ञा के अन्य भेद Noun in Khortha

डॉ. बी. एन. ओहदार की आपने किताबे खोरठा भासा आर सादित ( उद्‌भव एवं विकास, संइंगा के दु रकम से बाटा खुटा करल हय –

ⅰ) अरथ के आधार पर 5 गो भेद

ii) उत्तपति के आधार पर 3 गो भेद

ओहदार जी खोरठा भासाक सरंगा के ए. के. या जी रकम अरथ के आधारे पांच गो भेद बतलवल दय । मकिन उतपति के अधारे सांगा के तीन गो भेद बतावल हय ।

रूढ़

वइसन सबद जेकर से नाम, धरते, मोटा-मोटी ओकर अरथ फुरछा जा हइ आर अदि ई सबद के संधि – विच्छेद करल जाइ, तो फरक फरक अरथ नाञ हव है. ओकरा खोरठा भासा रूढ़ सांगा सबद कहल जा हइ ।

जइसे

बिसी (बि + सी) – रीढ़ की हड्डी (अरथ नांञ)

बारी ( बा + री ) – घर के सामने का खेत (अरथ नांञ)

जइगिक

खोरण भाषाम् वइसन सबद के जइगिक सङ्गा सबद कदल जा है. थे दु भो सारथक सबद के मेल से बनो छइ आर अदि ई सबद के संधि विच्छेद करलबाय तो फरक-फरक अरथ फुरछा हय ।

जइसे –

घोडनाथ←घोड़ा + नाथ

घरबारी← घर + बारी

घर दमाद→घर + दमाद

मोर घट→ मोर + घट

जोगरूढ़

खोरठा वयाकरने वइसन सबद के जोगरूढ़ सईगा कहल जा हे, जे दु गो सारथक सबद के मेल से बनो मैतुक (लेकिन) एकर भरथ पुइओ सबद से भिन्नु अरथ छइ ।फुरछातो छइ ।

जइसे –

गोबर + गनेस – गोबरगनेस (एकदम मुरुख)

पानी + खोखा – पाइनसोखा (इंद्रधनुस)

आठ + गोडवा – अठगोडवा (चिलर)

ई तरी परिछ हव हे कि खोरठा भासान् सइंगा के आपन रंग-रूप आंचा – ढांचा भार पहचान हइ । खोरठा भाषाश्र सांगा के वरगीकरन अरथ के अधारें आर उत्पति के अधारे करल आाहे जे आपन आरखंडी संस्कृति के सबद के बेस तरी बखान करेक लाइक सफल हइ ।

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