Gender – Ling in Khortha language – खोरठा भाषा के लिंग

Ling in Khortha – लिंग

लिंग शब्द का अर्थ चिन्ह – योनि चिन्ह होता है । इसी योनि चिन्हको देख जीव जंतु का लिंग निर्धारण किया जाता था। इसे प्राकृतिक लिंग कहा जा सकता है। खोरठा चूँकि आदिम भाषा है इसलिए खोरठा में लिंग बोधन के लिए आदिम ढंग – ढांचा के अनुसार होता है।

लिंग के 3 भेद माना जाता है-

1. पुलिंग – जिसका योनि चिन्ह पुरुष का हो |

2. स्त्रीलिंग – जिसका योनि चिन्ह मादा/स्त्री का हो |

3. नपुंसक लिंग– जिसका कोई योनि चिन्ह न हो|

जैसे निर्जीव चीज/वस्तु, नदी, पहाड़, हवा, पानी आदि |

पुलिंग लिंग बोधक शब्द –

कुछ ऐसे शब्द है जिसके कहने से अपने आप पुलिंग स्त्रीलिंग के बोध हो जाता है ।

क. जैसे

पुलिंग स्त्रीलिंग
बरदगाय
बापमाइ / मात्र
भाइ बहिन
दादाभउजी
काड़भइस

ख. स्त्री प्रत्यय –

कुछ ऐसा शब्द है जिसमे स्त्री प्रत्यय लगा के पुलिंग और स्त्रीलिंग में भेद किया जाता है।इ/ई प्रत्यय :- जैसे

पुलिंगस्त्रीलिंग
छोड़ाछोडि
मामा मामी
काका काकी

• इन प्रत्यय:- जैसे

पुलिंगस्त्रीलिंग
सुंडीसुंडिइन
तेलीतेलिन
कोइरीकोइरीन
कुरमी कुरमिन

• आइन प्रत्यय :- जैसे

पुलिंगस्त्रीलिंग
पितियापितिआइन
पांडेपंड़ीआइन
साढूसाढूवाइन
नउवानउआइन
कुम्हारकुम्हाइन

नपुंसकलिंग :-

लगभग सभी निर्जीव चीज़/वस्तु जिसमे कोई योनि चिन्ह नहींहोता है उसे नपुंसक लिंग माना जाता है।

जैसे :- पहाड़, हवा, पानी, माटी इत्यदि अपवाद रूप में कुछ प्राकृतिक लिंगधारी को नपुंसक लिंग में रखा जाता है।

जैसे :- गरु, डांगर, पठरु आदि

खोरठा भाषा में कर्ता और कर्म लिंग क्रिया और वाक्य को प्रभावित नहीं करता है।

जैसे :-हवा बहो ह |

पानी / नदी बहो हइ |

माइ जा हइ |

बाप जा हइ |

दादा जा हइ

* Gender – Ling in Khortha *

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