Author name: rajatabhijeet_sr

Biomolecule – जैव अणु

Biomolecule, जैव – अणु जीव उत्तकों में मिलने वाली सभी कार्बनिक यौगिकों को कहा जाता है । जैव अणु हमारे शरीर में या पौधों में शारीरिक वृद्धि और वानस्पतिक वृद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक है । Biomolecule – जैव अणु भोज्य पदार्थों में वे उपयोगी रासायनिक घटक जिनका उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध होना शरीर के […]

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Environmental law in India – वातावरणीय कानून

Environmental law in India, वातावरणीय कानून का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करना तथा पर्यावरण के स्थिति को बेहतर बनाए रखन है । वातावरणीय कानून केंद्रिय सरकार को कुछ ऐसे उपाय करने के अधिकार देते हैं, जिससे पर्यावरण को शुद्ध और स्वच्छ रखा जा सके । Environmental law in India पर्यावरण संरक्षण से संबंधित

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Solid Waste – ठोस अपशिष्ट

Solid Waste, ठोस अपशिष्ट तत्व उन पदार्थों को कहते है, जो उपयोग के बाद बेकार हो जाते है। उपयोग के बाद बेकार पड़े ठोस तत्व या पदार्थ को विभिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे अपशिष्ट कचरा या या ठोस अपशिष्ट आदि । Solid Waste – ठोस अपशिष्ट ठोस अपशिष्ट पदार्थ को श्रोतों के आधार

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Climate Change – जलवायु परिवर्तन

Climate Change, विभिन्न कारणों से वैश्विक तापमान और उससे हो रहे जलवायु परिवर्तन आज वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक गंभीर संकटों में से एक है। वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी में प्राकृतिक कारणों की बहुत कम भूमिका होती है, जबकि मानवीय कारण वैश्विक तापमान बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। Climate Change – जलवायु परिवर्तन विभिन्न मानवीय

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Desertification – मरुस्थलीकरण

Desertification, मरुस्थलीकरण एक भौगोलिक घटना है जिसमें उपजाऊ क्षेत्र में भी मरूस्थल जैसे विशेषताएं विकसित होने लगती है । इसमें जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियों समेत अन्य कई कारणों से अर्ध शुष्क ईलाकों की भूमि रेगिस्तान में बदल जाती है इसमें मिट्टी के उत्पादन क्षमता कम हो जाते हैं और धीरे-धीरे भूमि बंजर हो जाती

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Public interest litigation – जनहित याचिका

Public interest litigation(PIL), जनहित याचिका एक ऐसी याचिका है, जिसके माध्यम से पीड़ित व्यक्ति स्वयं या अन्य कोई व्यक्ति या संस्था द्वारा पीड़ित व्यक्ति की ओर से न्यायालय के समक्ष याचिका दायर करता है। इसके बाद न्यायालय कारवाई करती है। Public interest litigation भारतीय कानून व्यवस्था में जनहित याचिका सार्वजनिक हित एवं रक्षा हेतु एक

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Indian Preamble – संविधान की प्रस्तावना

Indian Preamble, भारतीय संविधान में मुख्य प्रस्तावना या उद्देशिका, भारतीय संविधान ‘आाइना है, मूल आधारभूत सिद्धांतो, दार्शनिक अवधारणाओं को यह संवैधानिक आदर्शों मुख्यत: नैतिक रूप में व्यक्त करता है प्रावधानों को औचित्य भारतीय संविधान भारतीय संविधान प्रदान करता है, प्रस्तावना दीर्घ दर्शन करवाता है, वहीं का सूक्ष्म रूप भी है, संविधान निर्माता संविधान में निहित

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Rivers of India – भारत की नदियाँ

Rivers of India, भारत के नदियों को श्रोत के आधार पर – 1) हिमालय से निकलने वाली नदियां , 2) प्रायद्वीपिय नदियां , 3) अंतः स्थलिय नदियां और नदियों के प्रवाह के आधार पर – पूर्वर्ति नदियां एव अनुवर्ति नदियों में बांटकर देखा जाता है । Rivers of India – भारत की नदियाँ श्रोत के

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Forest – वन

Forest, प्राकृतिक वनस्पति को Green Gold कहा जाता है। विश्व में वनों का विभाजन इस प्रकार से किया गया है भू-मध्य रेखीय या चीर हरित वन , ऊष्ण मौनसूनी वन , शीतोष्ण कटिबंधीय मुलायम लकड़ी के वन , शीतोष्ण मौनजूनी वन , शीतोष्ण कटिबंधीय कठोर लकड़ी के वन , भू मध्य सागरीय और ऊष्ण मौनसूनी

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Human Species in the World – विश्व की प्रजातियाँ

Human Species in the World, मानव प्रजातियों का वर्गीकरण अलग-अलग विद्धानों ने अलग-अलग की है। मानव जाति को मुख्यतः 3 वर्गो में वर्गीकृत किया गया है । Human Species in the World – प्रजातियाँ का वर्गीकरण मानव प्रजातियाँ का वर्गीकरण – 1) काकेश्याडश प्रजाति २) मंगोलियाडस प्रजाति और 3) नीग्रिटो / निग्रीशाड प्रजाति है। 1)

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Tribes of the World – विश्व की जनजातियाँ

Tribes of the World, विश्व के प्रमुख जनजातियाँ और उसका निवास स्थान को तीन वर्गों में बांट कर देखा जा सकता है – 1) भू- मध्य रेखिय प्रदेशों में रहने वाली जनजातियां 2) ऊष्ण मरूस्थतियों प्रदेशों में रहने वाली जनजातियां और 3) टुन्ड्रा प्रदेशों में रहने वाली जनजातियाँ Tribes of the World – जनजातियाँ 1)

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Forest in india – भारतीय वन

Forest in india, भारत में वनस्पतियों की लगभग 45,000 और जीव-जंतुओं की लगभग 75,000 प्रभातियां पाई जाती हैं। भारत में भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 24.56%, भाग पर बनों का फैलाव है, यानि देश में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 712249 km² क्षेत्र में बनों का फैलाव है’। भारत के कुल राष्ट्रीय आय में बनों का

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