Solid Waste – ठोस अपशिष्ट

Solid Waste, ठोस अपशिष्ट तत्व उन पदार्थों को कहते है, जो उपयोग के बाद बेकार हो जाते है। उपयोग के बाद बेकार पड़े ठोस तत्व या पदार्थ को विभिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे अपशिष्ट कचरा या या ठोस अपशिष्ट आदि ।

Solid Waste – ठोस अपशिष्ट

Solid Waste Management - ठोस अपशिष्ट

ठोस अपशिष्ट पदार्थ को श्रोतों के आधार पर इसे निम्न भागो में बाँटा जा सकता है –

1) घरेलू अवासीय क्षेत्र

2) औद्योगिक क्षेत्र

3) व्यवसायिक क्षेत्र

वास्तव में आर्थिक स्तर से सम्पत एवं औद्योगिक स्तर पर अधिकाधिक विकसित पश्चिमी देशों की प्रयोग करो और केक दो की संस्कृति ठोस अपशिष्ट प्रदूषण के लिए सबसे अधिक जिम्मेवार है। इसके विपरीत अविकसित एवं विकासशील देशो के निर्धात समाज की संरक्षणवादी संस्कृति, पश्चिमी समृद्ध में ठोस अपशिष्ट का देशो की तुलना में बहुत कम मात्रा में ठोस अपशिष्ट का उत्पादन करते है लेकिन धीरे- धीरे भारत जैसे देश भी ठोस अपशिष्ट प्रदूषण के चपेट में आ गये है।

हमारे देश में करीब 68 मिलियन टन ठोस अपशिष्ट प्रत्येक वर्ष उत्पन्न होते हैं । औसत रूप से देखा जाए तो 500 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट उत्पन्न करता है । इस प्रकार से ठोस अपशिष्ट ठोस उत्पन्न करता है । इस प्रकार से ठोस अपशिष्ट से उत्पन्न होते वाले प्रदूषण का आकलन किया जा सकता है ।

Solid Waste – ठोस अपशिष्ट के प्रकार

ठोस अपशिष्ट को मुख्यतः 5 प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है –

शहरी अपशिष्ट

इसके अंतर्गत नगर निगम, उद्योगों से निकलने वाले, पारो से निकलने वाले. हॉस्पीटल से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट पदार्थ आते हैं।

औद्योगिक अपशिष्ट

इसके अतंर्गत उद्योगो से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ धातु, अधातु काँच, चमड़ा आदि ठोस अपशिष्ट के रूप में प्राप्त होते है।

घरेलू अपशिष्ट

इसके अतंर्गत रसोई से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट पदार्थ, धारो में उपयोग किए जाने करोकरी हीन के डिल्ले, प्लास्टिक के डिब्बे एवं अन्य अपशिष्ट आते है।

ग्रामिण अपशिष्ट

ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपशिष्ट पदार्थ प्राप्त आते है। इसके अतंर्गत कृषि कार्यों में उपयोग किए भाने वाले कीटनाशक, विभिन्न प्रकार की दवाईयां और गाँव से निकाले जाने वाले कूड़ा-करकर इसके अतंर्गत आते है।

नाभिकीय अपशिष्ट

इसके अतंर्गत रेडियो सक्रिय तत्व जो परमाणु भठ्ठीयों से निकलते है। इसके अंतर्गत आता है।

Solid Waste – ठोस अपशिष्ट के प्रभाव

ठोस अपशिष्ट का सर्वाधिक प्रभाव भूमि प्रदूषण में होता है। ठोस अपशिष्ट को यदि भूमि पर अधिक दिनो तक जमा कर दिया बाता है, तो उसके आस- पास की भूमि भी बंजर हो जाती है। पॉलीथीन प्लास्टिक, खर, पेंट आदि का कचरा अजैविक होता है। इसे जलाने से वायु प्रदूषित हो बाती है, जबकि पशुओं के द्वारा इन अपशिष्टों को खाते से विभिन्न प्रकार की बीमारीयां उत्पन्न हो जाती है। इसी प्रकार बड़े बड़े शहरों में ठोस अपशिष्ट को नदियों और तालाबों में फेंक दिया जाता है, जिसके कारण जब प्रदूषित हो जाते है।

प्लास्टिक के बैग, फोम के बने थाली और पॉलीथीन आदि में पॉलीमर तत्व पाये जाते है, बरे अधिक समय तक मिट्टीयों में फेंक देने से उसके अणु का क्षय नाही होता है। जिसके कारण लम्बे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। प्लास्टिक आदि के जलने से घातक गैसे जैसे ८०२, ८० आदि 1 उत्सर्जित होते है, जिसके कारण वायु प्रदूषण फैलते है। इस प्रकार ठोस अपशिष्ट के कई दुष्प्रभाव स्पष्ट रूप से देखे बा सकते है।

Solid Waste Management – ठोस अपशिष्ट प्रबंधन

Solid Waste ठोस अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन के अंतर्गत ठोस अपशिष्टों को तथा कचरे का संग्रह समूचित डम्पींग स्थलो पर किया जाना चाहिए । अधिकांशत: ठोस अपशिष्ट का निस्तारण किसी नदी, तालाब या सागर के तटीये भागो में किये बाते है। इसके कारण विभिन्न प्रकार की पारिस्थितकी समस्याऐ उत्पन्न हो जाती है और इसी के कारण मछलियां प्रवाल भित्ती सहित सागरीय जीव-जंतु नष्ट होते जा रहे है।

अपशिष्ट पदार्थों में सही- गली हुई सब्जियां, मवेशियां और मनुष्य द्वारा छोड़े गये अपशिष्ट पदार्थ आदि को भ्रमि के अंदर गड्‌ढ़ा बनाकर जमा कर दिया जाता है। इस प्रकार से अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण किया जाता है।

अपशिष्ट पदार्थों को इन्सीनेटर के द्वारा जला दिया जाना चाहिए। इस मशीन के द्वारा अपशिष्टों को जलाने, उससे निकलने वाली विषैली गैसे वातावरण में नहीं आती है।

ठोस अपशिष्य पदार्थ के प्रबंधन के लिए एक विशिष्ट प्रकार से बनाये गये भस्मकारी यंत्र के द्वारा जला दिया जाता है। इस प्रकार के मंत्र प्रायः सभी बड़े शहरों में स्थापित किया गया है।

Solid Waste ठोस अपशिष्ट पदार्थ को पायरोलिसियम विधि से अपघटित कर दिया जाना चाहिए। इस विधि में अपशिष्ट पदार्थो से निकलने वाली गैस और तरल पदार्थ विघटित हो जाते है।

उपरोक्त के अलावे ठोस अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन के लिए बरकार द्वारा नागरिक ठोस अपशिष्ट अधिनियम 2000 पारित किया गया और इस पूरे देश में लागू किया गया है ।

इस अधिनियम के तहत सभी स्थानीय निकायों को यह जिम्मेवारी दी गई है कि ठोस अपशिष्ट पदार्थों का एकत्रीकरण, भंडारण और प्रसंस्करण का उपाय करे । इसके अलावे इस अधिनियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य प्लास्टीक का उपयोग बंद बर्तन आदि अपशिष्टों करना है और प्लास्टिक थैले, का पुनः चक्रित करके दूसरे वस्तु निर्माण किया जाना चाहिए।

Solid Waste

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