Geography

Rivers of India – भारत की नदियाँ

Rivers of India, भारत के नदियों को श्रोत के आधार पर – 1) हिमालय से निकलने वाली नदियां , 2) प्रायद्वीपिय नदियां , 3) अंतः स्थलिय नदियां और नदियों के प्रवाह के आधार पर – पूर्वर्ति नदियां एव अनुवर्ति नदियों में बांटकर देखा जाता है । Rivers of India – भारत की नदियाँ श्रोत के […]

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Forest – वन

Forest, प्राकृतिक वनस्पति को Green Gold कहा जाता है। विश्व में वनों का विभाजन इस प्रकार से किया गया है भू-मध्य रेखीय या चीर हरित वन , ऊष्ण मौनसूनी वन , शीतोष्ण कटिबंधीय मुलायम लकड़ी के वन , शीतोष्ण मौनजूनी वन , शीतोष्ण कटिबंधीय कठोर लकड़ी के वन , भू मध्य सागरीय और ऊष्ण मौनसूनी

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Human Species in the World – विश्व की प्रजातियाँ

Human Species in the World, मानव प्रजातियों का वर्गीकरण अलग-अलग विद्धानों ने अलग-अलग की है। मानव जाति को मुख्यतः 3 वर्गो में वर्गीकृत किया गया है । Human Species in the World – प्रजातियाँ का वर्गीकरण मानव प्रजातियाँ का वर्गीकरण – 1) काकेश्याडश प्रजाति २) मंगोलियाडस प्रजाति और 3) नीग्रिटो / निग्रीशाड प्रजाति है। 1)

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Tribes of the World – विश्व की जनजातियाँ

Tribes of the World, विश्व के प्रमुख जनजातियाँ और उसका निवास स्थान को तीन वर्गों में बांट कर देखा जा सकता है – 1) भू- मध्य रेखिय प्रदेशों में रहने वाली जनजातियां 2) ऊष्ण मरूस्थतियों प्रदेशों में रहने वाली जनजातियां और 3) टुन्ड्रा प्रदेशों में रहने वाली जनजातियाँ Tribes of the World – जनजातियाँ 1)

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Forest in india – भारतीय वन

Forest in india, भारत में वनस्पतियों की लगभग 45,000 और जीव-जंतुओं की लगभग 75,000 प्रभातियां पाई जाती हैं। भारत में भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 24.56%, भाग पर बनों का फैलाव है, यानि देश में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 712249 km² क्षेत्र में बनों का फैलाव है’। भारत के कुल राष्ट्रीय आय में बनों का

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Irrigation in india – भारत में सिंचाई

Irrigation in india, भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ मौनसून की अनिश्चित्ता प्राय: देखी जाती है 1 इस स्थिती को देखते हुए यहाँ सिंचाई के साधनों का विकास किया गया है। Irrigation in india – सिंचाई भारत में सतत ही जल और भूमिगत जल प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है । यही कारण है, कि

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Soil – विश्व की मिट्टी

Soil, चट्टानो के टूटने फूटने , सड़ने गलने से मिट्टी का निर्माण होता है। समान्यतः भूतल के ऊपरी परत की मिट्टी कहा जाता है। Soil – विश्व की मिट्टी के प्रकार मिट्टी का वर्गीकरण इस प्रकार से किया गया है – पेंडजोल मिट्टी, भूरी मिट्टी , प्रेयरी मिट्टी , लेटेराइट मिट्टी , चेरनोजम मिट्टी ,

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Precipitation – वर्षा

Precipitation, वायुमण्डल में कुछ अशं तक नमी पाई जाती है। यही नमी जब वायुमण्डल में एकत्रित हो जाती है, तो ये बूंद के रूप में स्थल भाग पर गिरने लगती है, जिसे हम वर्षा Precipitation कहते है । वर्षा में मुख्यत: दो बाते प्रमुख होती है द 1) वायु जलवाष्प से लदी होती है 2)

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Cyclone – चक्रवात

Cyclone, वे परिवर्तनशील हवाएं, जिनके केंद्र में निम्न वायु दाब और केंद्र से बाहर उच्च वायु दाब होते है, चक्रवात कहलाते है । चक्रवात अंडाकार होता है और उत्तरी गोलार्ध में इसकी दवारे Anti-clack wise में और दक्षिणी गोलार्ध में घड़ी की सूई की दिशा ‘clock wise’ चलती है। Cyclone – चक्रवात के प्रकार चक्रवात

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Soil of India – भारत की मिट्टी

Soil of India , भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ की मिट्टी भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । देश की लगभग 65% से 70% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है । Soil of India – मिट्टी के प्रकार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के द्वारा भारत के मिट्टी को आठ वर्गों में विभाजित किया

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Earthquake – भूकंप

Earthquake, भूकंप मुख्यत दो शब्दों से बना है – भू और ‘कम्प’ जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – पृथ्वी का कम्पन । भूकंप का अध्ययन सिस्मोलॉजी कहलाता है। भूपटल में पृथ्वी के आंतरिक और बाह्य शक्तियों के प्रभाव से ऊपन्न कंपन भकंप कहलाता है। दूसरे शब्दों में कंपन पृथ्ती के आंतरिक आकस्मिक शक्तियों के कारण

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Volcano – ज्वालामुखी

Volcano, धरातल के वे छिद्र, जिसके द्वारा धरातल पर पृथ्वी के आंतरिक भाग से तप्त लावा, गर्म गैसे और चट्टानी पदार्थ आदि निकलते है, तो उसे ही ज्वालामुखी Volcano कहा जाता है। ज्वालामुखी दो शब्दों के मेल से बना है – ज्वाला और मुखी । अर्थात् ज्वालामुखी भू-पटल में पाए जाने वाले मुख , छिद्र

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