Volcano – ज्वालामुखी

Volcano, धरातल के वे छिद्र, जिसके द्वारा धरातल पर पृथ्वी के आंतरिक भाग से तप्त लावा, गर्म गैसे और चट्टानी पदार्थ आदि निकलते है, तो उसे ही ज्वालामुखी Volcano कहा जाता है।

ज्वालामुखी दो शब्दों के मेल से बना है – ज्वाला और मुखी । अर्थात् ज्वालामुखी भू-पटल में पाए जाने वाले मुख , छिद्र या दरार होते है। जिससे गैस, तरल पदार्थ यानि मैग्मा और लावा तथा ठोस पदार्थी का उद‌गार होता है ।

Volcano – ज्वालामुखी

Volcano - ज्वालामुखी

ज्वालामुखी उद्‌गार से निकलने वाली गैंसों से 80% जल वाष्प की मात्रा पाई जाती हैं। इसके अलावा CO2, SO2 एवं अन्य गैसे निकलती हैं । ज्वालामुखी उद्‌गार से निकलने वाले तरल पदार्थ को लावा कहा जाता है और जो धरातल के अंदर रहता है, उसे मैग्मा कहा जाता है।

ग्रेसर

यह गर्भ जल श्रोत होता है। ज्वालामुखी फुटने के बाद जब शांत पड़ जाता है, तो वैसे क्षेत्रों में गर्म जल श्रोत का निर्माण होता है , जिसे ग्रेसर कहा जाता है।

काल्डेरा

इसका निर्माण क्रेटर के धसाव के कारण होता है, जिसका व्यास क्रेटर से बहुत अधिक होता है। जैसे जापान का ‘आसो काल्डेरा’

Volcano – ज्वालामुखी उद्‌गार के कारण

ज्वालामुखी उद्‌गार का सबसे प्रमुख कारण भू-गर्भ में ताप का अधिक होता हैं।

अत्याधिक ताप होने के कारण भू-गर्भ के अंदर चट्टाने टूटने लगती है, जिसके कारण मैग्मा का निर्माण होता है, और वही मैग्मा पृथ्वी के कमजोर भाग को तोड़‌कर जन बाहर निकलता है, तो वह व्वालामुखी का स्वरूप धारण कर लेता है।

भू-गर्भ में अत्याधिक गैस और ताप की अपत्ति के कारण : भी मैं ज्वालामुखी विष्फोट होता है।

Volcano – ज्वालामुखी के प्रकार

Volcano – उद्गार के आधार पर

1) सक्रिय / जागृत ज्वालामुखी

विश्व के वे ज्वालामुखी समय-समय पर उद्‌गार होते रहता है या जारी रहता है, तो वैसे ज्वालामुखी को सक्रिय । जाग्रत ज्वालामुखी कहा जाता है। इस प्रकार के ज्वालामुखी की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। जैसे

सिसली द्वीप का माउट एटना ज्वालामुखी

हवाई द्वीप का मोनालेवा ज्वालामुखी

इक्वाडोर का ओटोपेकसी ज्वालामुखी

लेपारी द्वीप का स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी

अंटार्कटिक का माउंट इरेस्वस

2) प्रसुप्त ज्वालामुखी

इसे ही सुसुक्त ज्वालामुखी भी कहा जाता है । संसार के वे सभी ज्वालामुखी जिनसे भविष्य में उद्गार होने की सम्भावना बनी रहती है । जैसे

ईटली का विसुवियस ज्वालामुखी

जापान का फयूजीयामा ज्वालामुखी

ईण्डोनेशिया का क्राकाटोवा ज्वालामुखी

अण्डमान निकोबार द्वीप समूह का नारकोण्डम ज्वालामुखी

3) मृत / शांत ज्वालामुखी

जिस ज्वालामुखी में युगों युगों से उद्‌गार नहीं हुआ हो, उसे शांत । मृत ज्वालामुखी कहा जाता है। जैसे

वर्मा का म्यानमार का पोपा ज्वालामुखी

अफ्रीका का किलिमंजारो ज्वालामुखी

ऐण्डीज पर्वत पर अंकारागुआ ज्वालमुखी

तंजानिया का किलिमंजारो ज्वालामुखी

इक्वाडोर का चिम्बराजो ज्वालामुखी

ईरान का कोह सुल्तान और देवबंद ज्वालामुखी

Volcano – आकृति के आधार पर

मिश्रित ज्वालामुखी ढाल ज्वालामुखी बाढ़ बेसाल्ट भूखंड मध्य- महासागरीय पर्वतश्रेणी ज्वालामुखी

1) मिश्रित ज्वालामुखी

ये ठंडे और चिपचिपे लावा के पाइरोक्लास्टिक पदार्थ का प्रस्फुटन होता है। इनमें प्रायः विस्फोटक प्रस्फुटन होते हैं।

2) ढाल ज्वालामुखी

हवाई ज्वालामुखी ढाल ज्वालामुखी का एक प्रमुख उदाहरण है ।

3) बाढ़ बेसाल्ट भूखंड

इस प्रकार के ज्वालामुखी में तरल लावा निकलते हैं जो लंबी दूरी तक फैल जाते है। जैसे दक्कन उद्भेदन।

4) मध्य- महासागरीय पर्वतश्रेणी ज्वालामुखी:

ये ज्वालामुखी समुद्री महासागरीय पर्वत श्रेणी के मध्य भाग में ज्वालामुखी विस्फोट होता हैं।

Volcano – ज्वालामुखी क्षेत्र

संसार में ज्वालामुखी उद्‌गार के 4 प्रमुख क्षेत्र है –

1) परिप्रशांत पेटी

यह पेटी प्रशांत महासागार के चारों ओर फैला हुआ है। मुख्य रूप से प्रशांत महासागर के तटवर्ती क्षेत्र में मुख्य रूप से एशिया महादेश के क्षेत्र में ज्वालामुखी का उद्‌गार होता हैं। दक्षिणी अमेरिका के एंडिज पर्वत से लेकर मध्य अमेरिका , मैक्सिको , पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका एवं अलास्का पहुँच तक जाता हैं। इस पेटी में विश्व में सबसे अधिक ज्वालामुखी का उद्‌गार होता हैं। परिप्रशांत हक्षेत्र को प्रशांत महासागार का अग्निमेखला “fire ring of Pacific Ocean ” कहा जाता है।

2) मध्य महाद्विपीय पेटी

यह पेटी नये मोड‌दार पर्वतों से होकर गुजरती है । यह मुख्य रूप से स्पेन, इटली, सिसली, टर्की, ईरान, पाकिस्तान: भारत होते हुए बर्मा तक पहुंच जाती हैं। भारत में ज्वालामुखी का प्रमाण मुख्यतः दक्षिण भारत और छोटानागपुर के पठारी इलाकों में मिलती है।

3) अंध महासागरिय पेटी

यह पेटी अंध महा सागर के दक्षिण भाग में फैली हुई है ।अटलांटिक महासागर के मध्यवर्ती भाग में भी ज्वालामुखी उद्गार के प्रभाग पाए जाते हैं ।

4) छिट-पुट ज्वालामुखी क्षेत्र

इस प्रकार के ज्वालामुखी हिंद महासागर के कुछ क्षेत्र में पाए जाते हैं जैसे मेडागास्कर द्वीप में और मालागासी द्वीप में ज्वालामुखी के छिट-पुट- प्रमाण मिलते हैं ।

आस्ट्रेलिया में एक भी ज्वालामुखी नहीं है ।

भू मध्य सागार का प्रकाश स्तंभ स्ट्राम्बोली को कहा जाता है ।

Volcano

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: