Rivers of India – भारत की नदियाँ

Rivers of India, भारत के नदियों को श्रोत के आधार पर – 1) हिमालय से निकलने वाली नदियां , 2) प्रायद्वीपिय नदियां , 3) अंतः स्थलिय नदियां और नदियों के प्रवाह के आधार पर – पूर्वर्ति नदियां एव अनुवर्ति नदियों में बांटकर देखा जाता है ।

Rivers of India – भारत की नदियाँ

Rivers of India - भारत की नदियाँ

श्रोत के आधार पर

1) हिमालय से निकलने वाली नदियां

हिमालय से निकलने वाली नदियों में बर्फ चिचलने के कारण सार्को भर पानी का प्रवाह पाया जाता है । इसलिए इसे सदावादिनी नदियां कहा जाता है। जैसे – गंगा ब्रहमपुत्र कौशी घाघरा, गोमति, जमुना, गंडक आदि।

2) प्रायद्वीपिय नदियां

ये नदियां मुख्यत: प्रायधीपिये निकलती है। इन नदियों में वर्षा का जल पठारों से होता है। ये गर्मी के दिनों में सूख जाती है । जैसे- चम्बल बेतबा, सोन, गोदावरी, ताप्ती, कृष्णा, कावेरी आदि नदियां ।

3) अंतः स्थलिय नदियां

से नदियां स्थल के नीचे प्रवाहित होती है, जो मुख्यतः राजस्थान के थार मरुस्थल में प्रवाहित होती है। जैसे – लूनी , घंघर तथा कांतली नदी ।

प्रवाह के आधार पर

1) पूर्वर्ति नदियां

वैसी नदियां जो महान हिमालय से खण्ड बनाकर पहले से प्रवाहित हो रही है। पूर्ववर्ती नदियां कहलाती है । जैसे. सिंधु, सतलज, ब्रहमपुत्र आदि । उसके अलावे गंगा, यमुना, गंडक, कोशी नदी को मध्य या शिवालिक हिमालय की पूर्ववर्ती नदियां कहा जाता है।

2) अनुवर्ति नदियां

वैसी नदियां, जो समान्य दाल बनाकर प्रवाहित होती हैं, अनुवर्ति नदियां कहलाती है । ये मुख्यत: दक्षिण भारत की नदियां होती है। जैसे – गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियां ।

भारत की प्रमुख नदियाँ – Rivers of India

सिंधु नदी

यह हिमालय के दक्षिण-पश्चिम तिब्बत के पठार के निकट मानसरोवर झील से निकलती है। उस नदी का अब्धिकतर भाग भारत के अम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश और पंजाब में प्रवाहित होती है। इसकी कुल लम्बाई 29000Km है, और इसकी सहायक नदी सतलज त्यास, रावी, चिनाब, अलम आदि हैं।

सतलुज नदी

इसका उद्‌गम स्वाल मानसरोवर के निकट शकसताल हैं। यह नदी भारत के बाहरी क्षेत्र से निकलती है, और इसकी कुल लम्बाई 1500Km है । जो शिकालिक की श्रेोजी को काटते हुए पंजाब में प्रवेश करती है। लुधियाना और फिरोजपुर इसी नदी के किनारे स्थित है।

रावी नदी

यह हिमालय के रोहतांग दर्रे से निकलती है। इसकी लम्बाई 720 Km है। चिनाब इसकी सहायक नदी है।

व्यास नदी

इस नदी का भी उद्गम स्थल रोहतांग दर्रा ही है । इस नदी की लम्बाई 625 km है। यह नदी हरि के बराज के समिप सतलुज नदी में मिल जाती हैं।

झेलम नदी

यह नदी कश्मीर में बेरिनाग के समीप शेषनाग से निकलती है । इसकी कुल लम्बाई 400Km है। यद नदी वुलर झील में मिल जाती है।

चिनाब नदी

यह नदी वारालाचा दर्रे से निकलती है। इसकी कुल लम्बाई 1180 Km है । सिंधु की सदायक नदियों में चिनाब सबसे लम्बी नदी है।

गंगा नदी

इस नदी का उद्‌गम स्थल गंगोत्री है। गंगोत्री की दो धाराएँ है अलकनंदा और भागीरथी । ये दोनों धाराएँ देव प्रयाग में मिलकर गंगा के नाम से जानी जाती है। अलकनंदा और मंदाकीती रूद्र प्रयाग में, विष्णु गंगा और मंदाकीनी बंद प्रयाग में उकनंदा और पिण्डार कर्ण प्रयाग में मिलती है। इसके बाद हरिद्वार में ये सभी धाराएँ मिलकर पहाडी क्षेत्र से नीचे उत्तरती है, और मैदानी भाग में प्रवाहित होने लगती है।

प्रयागराज के निकट गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियां मिलकर संगम बनाती है। वहाँ से आगे चलकर गोमति और धापारा से मिलती है, फिर परना के समीप सोन नदी से मिल जाती है। इस प्रकार आगे भी गंगा नदी का प्रवाह बना हुआ रहता है। गंगा नदी की लम्बाई 2510km/2525km और इसका अपवाद क्षेत्र सबसे अधिक है।

गंगा की सहायक नदियों में यमुना, गंडक, पापरा, कोशी, सोन, पुनपुन आदि नदियां है’।

गोमति, घाघरा, गंडक और कोशी नदी गंगा में बाई ओर से मिलती है, जबकि यमुना, चंबल, सोन, सिंध, बेतवा और केन नदी दाहिनी ओर से मिलती है।

गंगा नदी पश्चिम बंगाल में फरक्का के बाद जब बंग्लादेश में प्रवेश करती है, तो वहां उसे पद‌मा नदी के नाम से जाना जाता है, और बंग्लादेश में अब ब्रहमपुत्र से मिलती है, तो मेघना नदी कहलाती है, और फिर अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

यमुना नदी

राह नदी जमुनोत्री हिमखण्ड के बंदरपुछ से निकलती है। इस नदी की लम्बाई 1375 km 1 रामुना नदी हिमालय से थोड़ी दूर पर गंगा में मिल जाती है। इस नदी की सहायक नदी चंबल, केन बेतवा और सिंध नदी हैं। हाती नदी के किनारे दिल्ली, मथुरा, आगरा, ईटावा आदि शहर स्थित है।

गंडक नदी

यह नदी नेपाल के समीप एक पहाड़ी से निकलती है, और पटना के पास हाजीपुर गंगा नदी में मैं मिल जाती है। उसकी कुल लम्बाई 425 km है। नेपाल में कस नदी को शालीग्राम नदी के नाम से जाना जाता है, और मैदानी भाग में इसे नारायणी नदी के नाम से जाना जाता है।

चंबल नदी

यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ जिले के आना पाव पहाड़ी से निकलती है। इस नदी की कुल लम्बाई 965 Km है, और यह नदी देश का सबसे बड़ा खड्ड बनाती हैं। (खाई) इसकी सहायक नदी काली सिंध, बनास, पार्वति नदियां आदि है। मध्य प्रदेश में इस नदी पर गांधी सागर बांध, राजस्थान में ज्वाहर सागर और राणा प्रताप सागर बांध बनाएं गए हैं।

कोसी नदी

इस नदी का उद्गम स्थल हिमालय का भोसाई का स्थान चोटी हैं। यही नदी जल तिब्बत में प्रवाहित होती है, तो इसे ‘पंग्यु नदी’ कहा जाता है। इस नदी की कुल लंबाई 720 km है, और यह नदी तुरंत – तुरंत राहता बदलने के लिए लोकप्रिय है। इस नदी को बिहार का शोक भी कहा त है।

सोन नदी

यह नदी विध्याचल पर्वत के अमरकंटक से निकलती है। इस नदी की कुल लम्बाई 780km और यह पटना के निकट गंगा नदी में मिल जाती हैं ।

ब्रहमपुत्र नदी

इस नदी का उद्‌गम स्थल तिब्बत हिमालय का कैलाश श्रेणी या मानसरोवर है। इस नदी की कुल लम्बाई 2900 km और भारत में करीब 1346 km प्रवाहित होती है। यह नदी हिमालय के समानांतर प्रवाहित होती है और उस नपी बरखा T प्रवाह तिब्बत, भारत, बांग्लादेश होते हुए नामचा तक है ।

वहा से पश्चिम की ओर प्रवाहित होते हुए अंत में दक्षिण की ओर प्रवाहित होकर बांग्लादेश मैं प्रवेश कर आती है। यह नदी अब हिमालय के समानांतर प्रवाहित होती है, तो इसे सांग्पो नदी कहा जाता है। फिर जब भारत में यानि असम में प्रवेश करती है, तो इसे दीहांग नदी के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायक नदी लोहीत, तिस्ता, सुरमा और मेघना नदी है। इसी नदी के किनारे गोवाहाटी और डीबारूगढ़ नगर स्थित हैं।

नर्मदा नदी

इस नदी का उद्‌गम स्थल विध्याचल पर्वत के अमरकंटक से मानी जाती है । यह नदी जबलपुर में भेड़ा घाट के समीप धुवाधार जलप्रपात का निर्माण करती हैं, और यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर निर्माण करती प्रवाहित होती है. और अरब सागर में गिरती हैं। इसकी कुल लम्बाई 1290 km है, और यह ज्वारनद मुख करती हैं।

ताप्ती नदी

यह नदी मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलतैरा नामक स्थान से निकलती है। यह नदी भी पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है, और अरब सागर में गिरती हैं। ये नदी भी ज्वार नद मुख का निर्माण करती है, इस नदी की कुल लम्बाई 724 km है।

महानदी

इस नदी का उद्गम स्थल सिंहवा पहाड़ी के पास है, जो करीब 890km लम्बी है, तथा उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में प्रवाहित होती है। इस नदी को दन्तीसगत का जीवन रेखा भी कहा जाता है। इसी नदी के मुहाने पर नदी डेल्टा জা चिल्का झील स्थित है। यह निर्माण करती है। इसी नदी पर हीरा कुण्ड बांध परियोजना स्थित है। इसकी सहायक नदियों में बैतरनी नदी और ब्राहमणी नदी है।

गोदावरी नदी

इस नदी का उद्‌गम स्थल महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह पक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी हैं। इसकी कुल लम्बाई 14524m है। इस नदी को ‘दक्षिणी गंगा’ भी कहा जाता है। इसकी सहायक नदीयों में इंद्रावती, वर्धा, वेण आदि नदियां हैं। यद नदी भी डेल्टा का निर्माण करती हैं।

कृष्णा नदी

यह नदी महाबालेश्वर के निकट पश्चिमी घाट से निकलती है। इसकी कुल लम्बाई 1400km और यद नदी महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से होकर प्रवाहित होती है । इली नदी पर नागार्जुन बांधा परियोजना स्थित हैं। यह नदी डेल्टा का निर्माण करती हैं।

कावेरी नदी

यह नदी कर्नाटक के कुर्ग बिले के ब्रदम गिरि पर्वत से निकलती है । इस नदी की कुल लम्बाई 805 km/760km है। इस नदी को ‘दक्षिण भारत की गंगा’ कहा जाता है। यह नदी भी बंगाल की खाड़ी में गिरती है, और यह गरसोप्या जल प्रपात या योग जल प्रपात निर्माण करती है।

पेन्नार नदी

यह कर्नाटक के नंदी दुर्ग’ से निकलती है। इसकी कुल लम्बाई 400 km है। यह की भी बंगाल खाड़ी में मिल जाती है।

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