Soil – विश्व की मिट्टी

Soil, चट्टानो के टूटने फूटने , सड़ने गलने से मिट्टी का निर्माण होता है। समान्यतः भूतल के ऊपरी परत की मिट्टी कहा जाता है।

Soil – विश्व की मिट्टी के प्रकार

मिट्टी का वर्गीकरण इस प्रकार से किया गया है – पेंडजोल मिट्टी, भूरी मिट्टी , प्रेयरी मिट्टी , लेटेराइट मिट्टी , चेरनोजम मिट्टी , चेस्टनट मिट्टी , टुण्ड्रा प्रदेश की मिट्टी , मरुस्थलिय मिट्टी , पर्वतीय प्रदेशों की मिट्टी

Soil - विश्व की मिट्टी

पेंडजोल मिट्टी

यह मिट्टी ऊपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती है । इसकी उर्वरा शक्ति बहुत कम होती है। इस प्रकार की मिल्टी में शंकुधारी बन पाये जाते हैं। इस प्रकार की मिट्टी मुख्य रूप से रूस, कनाडा, और साईबेरिया के क्षेत्र में पाये जाते हैं।

भूरी मिट्टी

इस प्रकार की मिट्टी में लोहा और हयूमस की कमी पाई जाती है। इस प्रकार की मिट्टी में पतझन बन पाये आते हैं, और यह कम उपजाऊ मिट्टी होती है, भो मुख्यतः उत्तरी यूरोप और उत्तर पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में पाई जाती है

प्रेयरी मिट्टी

इसे ही ब्रांशीयम मिट्टी भी कहा जाता है। इस प्रकार की मिट्टी वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है, और यह उपजाऊ मिट्टी होती हैं। इसमें अधिकांशत प्यास के मैदान पाये जाते हैं । इस प्रकार की मिटटी अमेरिका और रूस में पाई जाती है।

लेटेराइट मिट्टी

यह मिट्टी ईट की तरह कड़ी और लाल होती है, जो मुख्यत: विषुवत रेखिय क्षेत्रों में पाई आती है । यह मिस्टी भी कृषि के लिए उपयोगी नहीं मानी बाती है।

चेरनोजम मिट्टी

इसे काली मिट्टी भी कहा जाता है। इस मिट्टी में ह्यूमस कम होती है। यह अत्याधिक उपजाऊ मिट्ट होती हैं। यह मिट्टी मुख्य रूप से यूक्रेन, USA, अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के स्टेपी वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। विश्व में सर्वाधिक खाद्‌यान का उत्पादन इसी मिट्टी में होता है।

चेस्टनट मिट्टी

इस प्रकार की मिट्टी में आयरन यानि लौह तत्व कम पाये जाते है, जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रकार की मिट्टी उत्तरी अमेरिका में और चीन के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में पाये जाते है। इस प्रकार की मिट्टी में चारे का उत्पादन किया जाता है।

टुण्ड्रा प्रदेश की मिट्टी

इस प्रकार की मिट्टी आद्रता बाले क्षेत्रों में पाई जाती है, जो मुख्ततः यूरोप, कनाडा, साईबेरिया आदि क्षेत्रों में पाये आते हैं।

मरुस्थलिय मिट्टी

इस मिट्टी में बालू की मात्रा अधिक होती है, और जैव तत्वों की कमी पाई जाती हैं। साथ ही जल ग्रहण क्षमता नहीं होती है। इस प्रकार की मिट्टी मुख्यतः मरुस्थलिय भागों में पाई जाती है।प

पर्वतीय प्रदेशों की मिट्टी

इस प्रकार की मिट्टी विश्व के पर्वतीय प्रदेशों में पाये जाते है । इसकी उर्वश शकित नहीं होती है, लेकिन इस प्रकार की मिट्टी में Plantation कृषि की जती है। जैसे- चाय कहवा, रबर आदि ।

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