Gupta Age – गुप्त काल

Gupta Age, उत्तर भारत में कुषाण सम्राज्य समाप्त होने के बाद गुप्त वंश का आगमन हुआ । इस काल के प्रमुख शासक थे श्री गुप्त, घटोतकच, चंद्रगुप्त I, समुद्र गुप्त, चंद्रगुप्त ॥, कुमार गुप्त, स्कंद गुप्त आदि । इनका काल 300 AD से 350AD रहा । धार्मिक साहित्य में मुख्य रूप से मत्सपुराण, वायु पुराण, […]

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Maratha Empire – मराठा साम्राज्य

Maratha Empire, मराठा साम्राज्य के पहले महान शासक छत्रपति शिवाजी थे जो 1627 – 1680 ई० के उत्तरार्ध तक मराठा साम्राज्य की स्थिति को मजबूत कर दी । मराठा शासकों में शिवाजी (1627-80), विश्वनाथ (1713-20), पेशवा बाजी राव I (1720-40) , पेशवा बालाजी बाजीराव (1740-61) , पेशवा माधव राव (1761-72) Maratha Empire – मराठा साम्राज्य

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Vijaynagar Empire – विजयनगर साम्राज्य

Vijaynagar Empire, भारत के दक्षिणी-पश्चिमी तट पर 1336 ई० में विजय नगर सम्राज्य की स्थापना हरिहर और बुकका नामक भाईयों ने की थी । मोहम्मद बिन तुगलक ने जब काम्पिलय पर विजय किया था, तो हरिहर और बुकका को पकड़ कर दिल्ली ले गया और मुस्लमान बनाया गया । लेकिन जब कम्पील्य में विद्रोह हुआ,

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Parliamentary Privilege – संसदीय विशेषाधिकार

Parliamentary Privilege, संसदीय विशेषाधिकार का तात्पर्य एसे अधिकारों और छुट से है, जो संसद या राज्य विधानमंडल के प्रत्येक सदन, उसके सदस्यों एवं समितियों को सामूहिक एवं व्यक्तिगत तरीकों से प्राप्त होता है । संसदीय विशेषाधिकार का उद्देश्य संसद या राज्य विधान मेडल की स्वतंत्रता और उसकी गरिमा की रक्षा के अनुसंकेद के करना है

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Parliamentary Committees – संसदीय समितियां

Parliamentary Committees, संसदीय समितियां आधुनिक राजनीतिक परिस्थितियों में सदन का कार्य में केवल नीति निर्धारण करना और विधि निर्माण करना ही नहीं है, बल्कि आज संसद में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्थितियों को देखते हुए कई समस्याओं पर विचार विमर्श किए जाते है। जिसके कारण आज संसद के कार्य क्षेत्र में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है।

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Formation of Jharkhand – झारखंड का गठन

Formation of Jharkhand, झारखण्ड राज्य ब्रिटिश शासन काल से ही अंग्रेजों के शोषण कारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन होते रहा है, और इसी पृष्ठभूमि में झारखण्ड के लोगों के द्वारा अलग राज्य की मांग की जाती रही है। ब्रिटिश शासन काल में झारखण्ड, बंगाल फिर बाद में बिहार प्रांत का अंग बना रहा । आधुनिक

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Later Mughals – उत्तरवर्ती मुगल शासक

Later Mughals, औरंगजेब की मृत्यु 1707 ई. में होती है। इसके बाद मुगल साम्राज्य पतन की ओर अग्रसर हो जाता है। औरंगजेब मरने से पहले ही अपने पुत्रों के बीच सम्राज्य विभाजन कर दिया था। फिर भी तीनों भाईयों के बीच उत्तराधिकार का संघर्ष हुआ, जिसमें सबसे बड़ा पुत्र मुअज्जम विजय हुआ, और बहादुर शाह

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khortha alphabet (vowel and consonants)- खोरठा का वर्ण परिचय

khortha alphabet – वर्ण ध्वनियों के लिखित रूप को ही वर्ण कहा जाता है हर भाषा की अपनी ध्वनियां होती है। ऐसे ही खोरठा की भी अपनी ध्वनियां है। खोरठा भाषा का लेखन देवनागरी लिपि में होता है, इसलिए देवनागरी लिपि के जो चिन्ह है, ध्वनियों के उन देवनागरी चिन्हों के आधार पर खोरठा के

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khortha shabd sampada – खोरठा शब्द सम्पदा

खोरठाक सबद संपइत (khortha shabd sampada) = ठेठ + तत्सम + तद्भव + वदेशज हर भाषा की अपनी ध्वनियां होती है और ध्वनियों के मेल से या व्यवस्था से शब्द बनते हैं। हर भाषा के अपने शब्द भी होते है क ( कंठ ध्वनि) + म (ओष्ठक ) + ल ( अन्तस्थ) = ध्वन चिन्हृ

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Samash in khortha language -खोरठा भाषा के समास

Samash in khortha – समास समास का अर्थ है, संक्षेप। कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ प्रकटकरना समास का उद्देश्य है। प्रसिद्ध व्याकरण पंडित कामता प्र. गुरु के अनुसार दोया दो से अधिक शब्दों का परस्पर संबंध बताने वाले शब्दों या प्रत्ययों का लोप होने पर इन दो या अधिक शब्दों से

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Gender – Ling in Khortha language – खोरठा भाषा के लिंग

Ling in Khortha – लिंग लिंग शब्द का अर्थ चिन्ह – योनि चिन्ह होता है । इसी योनि चिन्हको देख जीव जंतु का लिंग निर्धारण किया जाता था। इसे प्राकृतिक लिंग कहा जा सकता है। खोरठा चूँकि आदिम भाषा है इसलिए खोरठा में लिंग बोधन के लिए आदिम ढंग – ढांचा के अनुसार होता है।

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Vachan in khortha language – खोरठा भाषा के बचन

Vachan in khortha – बचन बचन सबदेक सोझा – सोझी माने हवो हे बोली बचन | मकिन बेआकरन संग्या आर सरबनाम के एक चाहे एकले बेसी के बोध करवइया बेवसतथा के बचन कहल जाहे । बिदवान गुला कर मानना हइ जे बचन के सही नाम ‘संख्याबचन’ हकइ मकिन एकर छोट रूप ‘बचन’ के चलन बाइढ

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