Jharkhand

Jharkhand, एक स्थल अवरुध राज्य है, जो 15 नवंबर 2000 ई० को …

Khortha lok sahitya – खोरठा लोक साहित्य

Khortha lok sahitya , दुगो सबद लोक आर साहित्य कर मेल से बनल हइ जेकर सोझा सोझी अरथ लोकेक साहित हव हे । हिंया लोक’ सबद कर माने ‘ जन सामाइन ‘हइ मेंतुक ‘ साहित्य’ सबद कर अरथ ‘समाजिक चितरन’ हव हे। मेनेक लोक सामाइन समाज कर चितरत करवश्या लोक साहित कहा हइ। दोसर अरथे […]

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Khortha lok katha – खोरठा लोक कथा

Khortha lok katha , खोरठा लोक कथा कहेक आर सुनेक परमपरा जनम भेल हई । आज के दिन तेइक खुटी दर खुटी चलल आ रहल हइ आर धीरे धीरे नानक रकमेक लोक कथा जुड़ते गलेक । Khortha lok katha – खोरठा लोक कथा खोरठा लोक कथाक अड़ा से गोड़ा तइक देखल जाए तो समाज समाजिक

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Vakya in Khortha Language – वाइक

Vakya in Khortha, खोरठा भासाञ भिन्नु भिन्नु सारथक सबदेक मेल बा जोख से बनल हइ । जदि कोन्ही बेअकति मनेक बातबा भाब – बिचार दोसर बेकति तड़क पहुंचाते हइ, आर ऊ भाव – बिचार के दोसर बेाकति समइझ बुझ्झ जा है, तो वहसन रूप के वाइक कहल जा हे । मकिन बेआकरने करता, करम, किरिया

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Khortha Bhasha visheshta – खोरठा भासाक बिसेसता

Khortha Bhasha visheshta , खोरठा भासाक बिसेसता में साड़ागत बिसेसता , सबदगत बिसेसता , अरथ गत बिसेसता, रुपगत बिसेसता , वाइकगत बिसेस‌ता , आइनगत बिसेसता हइ । Khortha Bhasha visheshta – खोरठा बिसेसता साड़ागत बिसेसता खोरठा भासाक जनम भारतेक सोबले पूरना समस्ता के लिपि खरोष्ठी से मानल गेल छइ । ऐहे ओजद हर कि खोखा

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folk music of Jharkhand – लोक संगीत

folk music of Jharkhand, झारखण्ड सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत समृद्ध राज्य है। यहां की संस्कृति में लोक-संगीत का प्रमुख योगदान रहा है। यहां की संस्कृति बिहार और पश्चिम बंगाल से प्रभावित है। folk music of Jharkhand – लोक संगीत लोक संगीत झारखण्ड की जनजातियों जन-जीवन में लोक संगीत का विशेष महत्वपूर्ण में उनके होता

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Folk instruments of Jharkhand – झारखंड के संगीत वाद्ययंत्र

Folk instruments of Jharkhand, झारखण्ड में कई प्रकार के सास्कृतिक पर्व और त्योहार मनाये जाते हैं। उन त्योहारों के अवसर पर अलग-अलग वाघय यंत्र बजाये जाते हैं। झारखंड में सर्वाधिक प्राचीन और सर्वाधिक लोकप्रिय वाद्य यंत्र मांदर है। इसके बाद दूसरा स्थान बासुरी का आता है, जो प्राकृति से जुड़ा हुआ वाघय यंत्र हैं। झारखण्ड

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Traditional Art of Jharkhand – पारम्परिक कला

Traditional Art of Jharkhand, झारखण्ड राज्य में जनजातियों और गैर-जनजातियों लोगों में चित्रकला के प्रति अधिक झुकाव दिखलाई पड़‌ता हैं। यहां चित्रकला और शिल्पकला समाजिक मान्यताओं रीति रिवाजों और संस्कृतिक को प्रतिविम्बीत करता है। झारखंड में भी विभिन्न प्रकार के चित्रकला की शैलियां पाई जाती है’। संथाल भिति चित्र (दीवार) में मुख्य रूप से सफेद,

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Tribal Movement of Jharkhand – झारखंड के आदिवासी आंदोलन

Tribal Movement of Jharkhand, झारखण्ड में जनजातिय विद्रोह के निम्न कारण थे 1) भूमि का हस्तान्तरण 2) जनजातिय शोषण 3) ब्रिटिश हस्तक्षेप सत्ता के द्वारा आदिवासीयों के आंतरिक मामलो में 4) लॉड कार्नवालिस की जमीनदारी व्यवस्था 5) भारखण्ड में ब्रिटिश द्वारा आदिवासियों , महाजन, सूदखोर और जमीनदारों के का शोषण 6) झारखण्ड में बाहरी लोगों

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Jharkhand ke Vibhuti – झारखंड विभूति

Jharkhand ke Vibhuti – झारखंड विभूतियों में कुछ प्रमुख है दिवा सोरेन किसुन सोरेन , बिरसा मुंडा , रानी सर्वेश्वरी , गया मुंडा , भूषण सिंह , सिनगी दई और काइली दई , अल्बर्ट एक्का , फादर हॉफमैन (1857-1928) , श सखाराम गणेश देउस्कर , राधा कृष्ण , पंडित रघुनाथ मुर्मू , पीतांबर सोरेन …

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Formation of Jharkhand – झारखंड का गठन

Formation of Jharkhand, झारखण्ड राज्य ब्रिटिश शासन काल से ही अंग्रेजों के शोषण कारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन होते रहा है, और इसी पृष्ठभूमि में झारखण्ड के लोगों के द्वारा अलग राज्य की मांग की जाती रही है। ब्रिटिश शासन काल में झारखण्ड, बंगाल फिर बाद में बिहार प्रांत का अंग बना रहा । आधुनिक

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Gender – Ling in Khortha language – खोरठा भाषा के लिंग

Ling in Khortha , झारखंडे संस्कृति के बात करल भाय, तो किआ जाइत – पाइत भिन्नु – भेद नाञ हर । खोरठा देतरेक आइत पाइत पर डॉ. ऐ. के. झो जीक बिचार हइ, कि आपन संस्कृतिकर मोटाविक जाइत के तीन गो सरूप पावल जाहे । Ling in Khortha – लिंग मकिन खोरठा बेआकरने लिंग के

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Verb in Khortha language – खोरठा भाषा क्रिया के शब्द

Verb in Khortha , खोरठा बेआकरने से सबद से कोन्दो काम हवेक बा करेक पता चलो हर उ सबद के किरिया कहल जाहे । Verb in Khortha – क्रिया दोसर अरथे कदल आइ कि सरंगा आर सरबनाम बाटले कोन्हो काम करेक करवइआ सबद बा के किरिया कहल जा है। मेनेक कोन्छो वाइकें जे रकम करता

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