Ho Tribe – हो जनजाति

Ho Tribe, हो जनजाति चौथी सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है । यह जनजाति कोल्हान प्रमंडल में सबसे ज्यादा पाई जाती है। इसके अलावे पूर्वी सिंहभूम , पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां क्षेत्र में पाई जाती है।

Ho Tribe – हो जनजाति

Ho हो जनजाति के लोग प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आते है । इनकी भाषा मुंडारी है, जो संथाली भाषा से मिलती जुलती है ।

हो जनजातियों का समाज मातृ सत्तातमक था । परंतु कुछ वर्षों बाद इनके यहां समाजिक स्थिति पितृ सत्तात्मक समाज पाया जाने लगा है । इनके यहां कई प्रकार के विवाह पाये जाते हैं, जिसमें बहु विवाह की प्रचलित है । कुछ प्रमुख विवाह इस प्रकार है ।

Ho Tribe - हो जनजाति

Ho Tribe – प्रमुख विवाह

आदि विवाद

इसमें स्वयं वर विवाह का प्रस्ताव ले कर किसी मध्यस्थ के माध्यम से वधू के घर जाता है। यह सर्वाधिक प्रचलित विवाद है।

दिकु आदि विवाह

यह गैर जनजातियों के साथ किया जाने वाला विवाह है, जो एक हिंदू धर्म से प्रभावित है।

ओपोरतिपी विवाह

इसमें वर के द्वारा बन्या का अपहरण करके किया जाने वाला विवाह है।

राजी खुशी विवाह

इसमें वर कन्या की मर्जी से किया जाने वाला विवाह है।

आदेर विवाह

इसमें वधू द्वारा विवाह होने तक वर के यहां जबर जस्ती रह कर करती है।

इनके यहां वधू मुल्य को गोनोंग / पोण कहा जाता है।

Munda Manki Administration – Ho Tribe शासन व्यवस्था

दो जनजातियों की स्वशासन व्यवस्था को मुण्डा मानकी शासन व्यवस्था कहा जाता है। इस व्यवस्था में ग्राम प्रधान को मुण्डा और इनके सहायता करने वाले को डकुआ कहा जाता है। यह संदेश वादक का भी कार्य करता है।

इनके यहा 4 और 12 गाँव के समूह को पीर । परदा कदा जाता है। परदा में जो न्यायिक कार्य करता है, उसे पीर पंच कहा जाता है। पीर । परदा का प्रधान मानकी कहलाता है ।

ब्रिटिश काल में हो जनजातियों के इस शासन व्यवस्था को मान्यता दे दी गई थी। एक अंग्रेज अधिकारी विलकिंसन ने इसे मान्यता दिलवाया था और विलकिंसन कानून रवउपा पारित करवाया था । इसी कानून के द्वारा मुण्डा मानकी शासन व्यवस्था को मान्यता दे दी गई ।

Ho Tribe – देवता

प्रमुख देवता – सिंह बोंगा

ग्राम देवता – पाहुई बोंगा

पृथ्वी के देवता – ओटी बोडोम

इनके यहां धार्मिक अनुष्ठान करने वाले को देउरी कहा जाता है ।

हो जनजातियों में जीविका का आधार कृषि ही थी और इनके यहां भी 3 प्रकार की भूमि पाई जाती है ।

बेडो भूमि – उपजाऊ भूमि

वादी भूमि – इसमें सिफ धान की खेती होती है।

गोड़ा भूमि – यह थोड़ा कम उपजाऊ भूमि होती है । इसमें मोटा नाज की कृषि की जाती है ।

* Ho Tribe *

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