Karak in Khortha – कारक
कारक शब्द का सीधा सीधा मतलब होता है- “करने वाला”जैसे :-हानिकारक – हानि करने वाला
लाभकारक – लाभ करने वाला
कारक शब्दों की ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत कर्ता, कर्म, क्रिया आदि शब्दों के बीच संबंध को स्थापना होती है जिससे सही अर्थ प्राप्त होती है।
जिन शब्दों/शब्दांशों के द्वारा संबंध की स्थापना होती है उसे कारक की विभक्ति/ प्रत्यय/परसर्ग कहते है।
चइतु ने बाघ को बोन में तीर से मारा
राम ने रावण को लंका में सीता के लिए तीर से मारा
Karak in Khortha – कारक के भेद
1. कर्त्ता कारक
2. कर्म कारक
3. करन कारक
4. सम्प्रदान कारक
5. अपादान कारक
6. अधिकरन कारक
7. संबंध कारक
8. संबोधन कारक
कारक | हिंदी विभक्ति | खोरठा विभक्ति |
कर्त्ता कारक | ने राम ने मारा पिता ने मारा | शून्य (0) विभक्ति राम मारलइ/मारलकइ बापें मारलइ सिखरिया खोरठा में कुछ खास मात्र में कर्ता कारक में “एं” विभक्ति भी पाया जाता है। |
कर्म कारक | को राम ने रावण को मारा उसने उसको मारा उनलोगों उनलोगों ने को मारा | के/रा राम रावण के मारल | संज्ञा शब्द के साथ कर्म कारक में “के” विभक्ति लगती है। जैसे- सीता गीता के मारलइ | सर्वनाम एकवचन शब्द के साथ खोरठा में कर्म कारक की विभक्ति “रा” लगती है। ऊ ओकरा मारलइ तारा मारलइ हमरा मारलाइ | सर्वनाम लगती है। के साथ “के” विभक्ति जैसे :- ओखिन ओखिन के मारलथि | ओखिन हामिन के मारलथिन | |
करण कारक | से कलम से लिखा | एं कलमें लिखलइ I. अकारांत कलमें लिखल | नावें नदी पार भेल | कारें अइल | ii. आकारान्त शब्द के साथ यं/एं/त्र विभक्ति लगाया जाता है। | ठेंगाञ मारलाइ | | पइनाञ / पड़नायं मारलाइ | “” विभक्ति लगाने पर आकारान्त शब्द से आकार हट जाता है। | सोंटें मारलइ | पइनें मारलाइ | Exams शुरुआत काटल iii. ईकारंत lighters शब्द के साथ लगया जाता है। काम तक छुरीं काटल | चिलोहीं काटल | iv. उकारांत शब्द के साथ “एं” विभक्ति लगया जाता है। चाकूएं काटलइ | |
सप्रदान कारक | के लिए तुम्हारे लिए खरीदा है। | विभक्ति :- ले/लेल/लाइ / लागिन / खातिर तोर/तोरे ले खरीदले हिअइ/हों| तोर/तोरे लेल कीनले हिअइ | तोर/तोरे लागिन कीनले हिअइ | तोर/तोरे लाइ कीनले हिअइ | तोर/तोरे खातिर कीनले हिअइ | |
अपादान कारक | से घर से निकला । से गाड़ी से उतरा | | रेल से उतरा | मैं तुमसे कमजोर हूँ क्या | विलगाव/ अलगाव, तुलना तथा रक्षा/भी की स्थिति में ‘ले’ विभक्ति लगती है। घर ले बाहर भेल | गाड़ी ले नभलइ / लांभलइ | रेल ले नभलइ / लांभलइ | घर ले बाहर भेल | गाड़ी ले नभलइ / लांभलइ | हाम तोर ले कमजोर हिअइ की? |
संबंध कारक | का/के/की/रा/रे/री राम का है। सीता का है। मेरा घर है। तुम्हारा घर है। उसका घर है। हमलोगों का है। तुमलोगों का है। | 1. संज्ञा शब्द के साथ “क/के” विभक्ति लगती है | राम के हकइ/लागइ | सीता कहकइ/लागइ | 2. पुरुषवाचक सर्वनाम के एक वचन के साथ “र” विभक्ति लगती है । ओकर/उकर घर हकइ | हमर घर हके तोर घर हकउ 3. पुरुषवाचक सर्वनाम बहुबचन के साथ “क/के” विभक्ति लगती है। | हामनिक/मनिक के हके/लागे | तोनिक/तोहिन के हको | |
अधिकारन कारक | में घर में है। गोद में बच्चा है। | एं/यं/त्र/वें/आयं/वायं/वात्र विभक्ति लगती है । घरें हइ/ घरवें हइ | कोरायं/कोराञ छउआ हइ | |
संबोधन कारक | हे, अरे, अजी, अहो, अगो | हे, अरे, अहो, अगो, अगे, नुनी, बुचु, मइयां आदि | |
* Case – Karak in Khortha *