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Adverb in Khortha language – खोरठा भाषा में क्रिया विशेषण

Adverb in Khortha – क्रिया विशेषण किसी भी क्रिया शब्द की विशेषता बताने वाले शब्द को क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे- गीता बड़ी बेस गावो हह । सामू बेजांय थाइक गेलइ । रामू करे – करे आलो हइ । सोहन गथीं कहलइ | इन वाक्यों में बड़ी बेस, बेजाय, करे-करे गथीं (चुपके से) क्रिया विशेषण […]

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Adjective in Khortha language – खोरठा भाषा में बिसेसन

Adjective in Khortha – खोरठा बिसेसन बिसेसन सबद बिसेसता से बनल हइ। बेआकरनें बिसेसन वइसन सबद के कहल जाहे, जे संग्या आर सरबनामेक बिसेसता रंग, रूप, आकर, परकार, गुन., धरम बताव हे | खोरठा भासाय बिसेसन के एगो आपन ढंग -ढांचा हे जेकरा हेठे रकम देखल जाइपारे| बिसेसन के मुख भेद – Adjective in Khortha

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Pronoun in Khortha language | खोरठा भाषा में सरबनाम

Pronoun in Khortha – सरबनाम बोलने या लिखने के समय संज्ञा के बदले जो शब्द प्रयुक्त होता है। उसे सरबनाम कहते है। जैसे- राम एगो चनफन गिदर हक | ऊ मैट्रिक में पढ़ो हइ | सीता एगो सुन्दर लड़की लागे | जे रांची में रहो हइ | ऊपर के पंक्तियों में राम के बदले “ऊ”

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Noun in Khortha language | खोरठा भाषा में संज्ञा (संइगा)

संज्ञा (संइगा) – Noun in Khortha language सभी तरह के नामों कोनों चीजेक नाम , जगह के नाम ,कोनो गोंठ -तोंठ ,भाभ- विचार ,के नाम के संइगा कहल जा हे । संज्ञा बना है संज्ञान से, संज्ञा का मतलब है – चेतना जब तक हम किसी वस्तु के बारे में नहीं जानते है तब तक

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SPT Act 1949 – संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम

SPT Act 1949 , संथाल परगना के जिले का निर्माण 1885 के संथाल विद्रोह का प्रत्यक्ष परिणाम था , जो । अप्रैल 1949 से लागू हुआ । इसमें कुल 9 अध्याय और 72 धाराएँ है । जिसमें कुछ प्रमुख इस प्रकार है SPT Act 1949 अध्याय 1 – SPT Act धारा – 1 उसमें कहा

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Ho Tribe – हो जनजाति

Ho Tribe, हो जनजाति चौथी सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है । यह जनजाति कोल्हान प्रमंडल में सबसे ज्यादा पाई जाती है। इसके अलावे पूर्वी सिंहभूम , पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां क्षेत्र में पाई जाती है। Ho Tribe – हो जनजाति Ho हो जनजाति के लोग प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आते है । इनकी भाषा मुंडारी

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Kharia Tribe – खड़िया जनजाति

Kharia Tribe, प्रारंभ में यह जनजाति पालकी धोने को काम करती थी। ये मुख्य रूप से गुमला, सिमडेगा, रांची, लातेहार और हजारीबाग जिले में निवास करती है । Kharia Tribe – खड़िया जनजाति यह जनजाति प्रोटो- ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आती है। खडिया जनजाति में भी उप जनजातियाँ है। जैसे पहाड़ी खड़िया, ढलकी खड़िया, दूध खड़िया

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Santhal Tribe – संथाल जनजाति

Santhal Tribe, झारखण्ड में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है और भारत में इसका स्थान तीसरा है। यह मुख्य रूप से संथाल परगना क्षेत्र में, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह आदि जिलों में पाई जाती है ।औ यह प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आते हैं। इसकी भाषा संथाली है, और लिपि ओलचिकी है । Santhal Tribe – संथाल जनजाति

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Oraon Tribe / Kurukh – उरांव जनजाति

Oraon Tribe / Kurukh, झारखंड की दूसरी तथा भारत की चौथी जनसंख्या वाली जनजाति हैं। यह जनजाति सबसे अधिक छोटा नागपुर के पहाड़ी इलाके में पाई जाती है। इसके अलावे संथाल परगना, उत्तरी छोटानागपुर और कोल्हान प्रमण्डल में निवास करती हैं। Oraon Tribe / Kurukh – उरांव जनजाति Oraon Tribe द्रविड प्रजाति से आते हैं,

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Jharkhand temples – झारखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल

Jharkhand temples, झारखंड में पर्यटन स्थल धार्मिक स्थल इसके अलावा ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक गौरव के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जिसमें कुछ प्रमुख मंदिर इस प्रकार हैं – रजरप्पा का छिन्नमस्तिका मंदिर – Jharkhand temples यह मंदिर वर्तमान में रामगढ़ जिले में स्थित है जो दामोदर और उसके सहायक भैरवी नदी के संगम

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Shri Niwas Panuri Jeewni – श्री निवास पानुरी जीवनी

श्री निवास पानुरी – Shri Niwas Panuri खोरठा आधुनिक साहित्य के ‘अछय बोर/ बाल्मीकि श्री निवास पानुरी शीर्षक पाठ जीवनी साहित्य विधा मानल जा हे । श्री निवास पानुरी जी के जीवनीकार – प्रदीप कुमार ‘दीपक‘ पानुरी जी का जन्म – 25 दिसंबर 1920 पानुरी जी की मृत्यु – 7 अक्टूबर 1986 पानुरी जी ‘कवि

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Introduction of Khortha language – खोरठा भाषा का परिचय

Khortha, खोरठा भासा झारखण्ड के सदानी परिवार के एगो बोड (बड़ा), सकत (मजबुत), डटगर आर सुतंतर भासा हई। आइज खोरठा झारखण्ड के तीन परमंडल उत्तरी छोटानागपुर , संथाल परगना आर पलामू के भासा रूपें डंडाइल (खड़ा) हई। ई भासा झारखण्ड के 24 जिलाक गइधे 16 जिलाक 1.5 करोड़ से बेसी लोकेक मांञ कोखा भासा (मातृ‌भाषा)

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