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Tense in Khortha language – खोरठा काल रचना

Tense in Khortha, काल सबद के सोझा सोझी अरथ समय बा बेरा हव है। मंतुक खोरठा बेआकरने किरियाक वइसन रूपकर काल कहल आहे, जेकर से कोन्हो काज बेपार दवेक समय कर बोध करावो हर ओकरा काल कहल जाहे । Tense in Khortha – काल मेनेक कोन्हों काम करेक समइ, काम पूरा हवेक समक्ष समइ भार […]

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Karak in Khortha language – Case | खोरठा भाषा के कारक

Karak in Khortha, हिंदी सबद ‘कारक’ के सोझा सोझी कोसगत अरथ करने वाला करवइआ आर करनिहार हव हे । जइसे – हित + कारक – हितकारक / हितकरवइआ Karak in Khortha – कारक मेंतुक बेआकरने वाढक वाइसन रूप के कारक कहल आहे, जेकर से सांगा आर सरबनाम सहित आरो आरो, सबद के भाइते एगो नाता

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Adjective in Khortha language – खोरठा भाषा में बिसेसन

Adjective in Khortha , हिंदी सबद बिसेसन के सोझा – सोझी को संगत अरथ ‘विसेस गुन’ छव हे , मेंतुक बेआकरने सईगा आर सरबनाम के गुन बतवइआ बा गुन बतनिहार सबद के बिसेसन कहल जा हे । Adjective in Khortha – खोरठा बिसेसन दोसर अरथे कहल जाय पारे कि सईगा आर सरवनाम के रंग. रूप,

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Pronoun in Khortha language | खोरठा भाषा में सरबनाम

Pronoun in Khortha – सरबनाम हिन्दी माला के सबद सरबनाम के सोझा सोझी कोसगत अरथ सोव के नाम बा सभी के नाम हव है। सरबनाम सबद हिंदी भाला के सर्व आर नाम के मेल से बनल हइ । हिया सर्व सबद के मेल से बनल हइ । हिया सर्व सबद के अर्थ सोब आर नाम

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Noun in Khortha language | खोरठा भाषा में संज्ञा (संइगा)

संज्ञा (संइगा) – Noun in Khortha language सइंगा सबद के कोसगत अरथ ‘चेतना ‘बा चेठा’ हव है, (लेकिन) मकिन खोरठा बेआकरने वइसन सबद के सइंगा कहल आहे, जेकर से कोन्हो, बेकति, भाइत. चीज बसुत, कांव-ठेकान, भाभ (भात), विचार, व्हेनन्तेन के नाम बोध कखइआ सबद के संश्गा कहल जा है। दोसर अरथें कहल जाइ तो कोन्हो

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SPT Act 1949 – संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम

SPT Act 1949 , संथाल परगना के जिले का निर्माण 1885 के संथाल विद्रोह का प्रत्यक्ष परिणाम था , जो । अप्रैल 1949 से लागू हुआ । इसमें कुल 9 अध्याय और 72 धाराएँ है । जिसमें कुछ प्रमुख इस प्रकार है SPT Act 1949 अध्याय 1 – SPT Act धारा – 1 उसमें कहा

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Ho Tribe – हो जनजाति

Ho Tribe, हो जनजाति चौथी सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है । यह जनजाति कोल्हान प्रमंडल में सबसे ज्यादा पाई जाती है। इसके अलावे पूर्वी सिंहभूम , पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां क्षेत्र में पाई जाती है। Ho Tribe – हो जनजाति Ho हो जनजाति के लोग प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आते है । इनकी भाषा मुंडारी

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Kharia Tribe – खड़िया जनजाति

Kharia Tribe, प्रारंभ में यह जनजाति पालकी धोने को काम करती थी। ये मुख्य रूप से गुमला, सिमडेगा, रांची, लातेहार और हजारीबाग जिले में निवास करती है । Kharia Tribe – खड़िया जनजाति यह जनजाति प्रोटो- ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आती है। खडिया जनजाति में भी उप जनजातियाँ है। जैसे पहाड़ी खड़िया, ढलकी खड़िया, दूध खड़िया

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Santhal Tribe – संथाल जनजाति

Santhal Tribe, झारखण्ड में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है और भारत में इसका स्थान तीसरा है। यह मुख्य रूप से संथाल परगना क्षेत्र में, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह आदि जिलों में पाई जाती है ।औ यह प्रोटो ऑस्ट्रेलियाड ग्रुप से आते हैं। इसकी भाषा संथाली है, और लिपि ओलचिकी है । Santhal Tribe – संथाल जनजाति

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Oraon Tribe / Kurukh – उरांव जनजाति

Oraon Tribe / Kurukh, झारखंड की दूसरी तथा भारत की चौथी जनसंख्या वाली जनजाति हैं। यह जनजाति सबसे अधिक छोटा नागपुर के पहाड़ी इलाके में पाई जाती है। इसके अलावे संथाल परगना, उत्तरी छोटानागपुर और कोल्हान प्रमण्डल में निवास करती हैं। Oraon Tribe / Kurukh – उरांव जनजाति Oraon Tribe द्रविड प्रजाति से आते हैं,

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Jharkhand temples – झारखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल

Jharkhand temples, झारखंड में पर्यटन स्थल धार्मिक स्थल इसके अलावा ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक गौरव के कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जिसमें कुछ प्रमुख मंदिर इस प्रकार हैं – रजरप्पा का छिन्नमस्तिका मंदिर – Jharkhand temples यह मंदिर वर्तमान में रामगढ़ जिले में स्थित है जो दामोदर और उसके सहायक भैरवी नदी के संगम

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Shri Niwas Panuri Jeewni – श्री निवास पानुरी जीवनी

श्री निवास पानुरी – Shri Niwas Panuri खोरठा आधुनिक साहित्य के ‘अछय बोर/ बाल्मीकि श्री निवास पानुरी शीर्षक पाठ जीवनी साहित्य विधा मानल जा हे । श्री निवास पानुरी जी के जीवनीकार – प्रदीप कुमार ‘दीपक‘ पानुरी जी का जन्म – 25 दिसंबर 1920 पानुरी जी की मृत्यु – 7 अक्टूबर 1986 पानुरी जी ‘कवि

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